प्यार नही है सुर से जिसको वो मूरख इन्सान नहीं लिरिक्स|payar nahi he sur se jisko lyrics-
(राग-मालकौंस)
प्यार नही है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।
सुर इन्सान बना देता है,
सुर शिवजी से मिला देता है,
सुर की आग में जलने वाले,
परवाने नादान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।
सुर में सोए सुर में जागे,
उन्हें मिले वो जो भी मांगे,
परमार्थ और काम मोक्ष भी,
मानो इनसे दूर नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।
जग में अगर संगीत न होता,
कोई किसी का मीत न होता,
यह अहसान है सात स्वरों का,
ये दुनिया वीरान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।
प्यार नही है सुर से जिसको,
वोह मूरख इन्सान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।
(गायक-ओस्मान मीर)
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