मै तो हवा हूँ किस तरह पहरे लगाओगे लिरिक्स | me to hwa hu kis tarah lyrics | mcbmusic

मै तो हवा हूँ किस तरह पहरे लगाओगे लिरिक्स | me to hwa hu kis tarah lyrics | mcbmusic - 

( शेर )
वो सिरफिरी हवा थी सम्भलना पड़ा मुझे
में आखिरी चिराग था जलना पड़ा मुझे...

(गजल)

मै तो हवा हूँ किस तरह, पहरे लगाओगे,
मै तो मै तो हवा हूँ किस तरह, पहरे लगाओगे,
मैं तो हवा हूँ किस तरह, पहरे लगाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
मैं तो हवा हू किस तरह, पहरे लगाओगे.....

" मेरा फन मेरी आवाज,मेरे तेवर लेजा,
सब का सब अपनी,जागीर समझकर लेजा,
मैने तो मेरे हाथो की लकीरे भी ,तेरे नाम कर दी
गर ये भी ना आये रास , तो मेरा मुकद्दर लेजा "

मै तो हवा हूँ किस तरह, पहरे लगाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
मैं तो हवा हू किस तरह, पहरे लगाओगे.....

तुम आईना जो हो , तो रहो एक हाथ मे
तुम आईना जो हो , तो रहो एक हाथ मे
ज्यादा इधर उधर में कही टूट जाओगे
ज्यादा इधर उधर में कही टूट जाओगे

मै तो हवा हूँ किस तरह, पहरे लगाओगे,
मै तो मै तो, मैं तो हवा हूँ किस तरह, पहरे लगाओगे,
मैं तो हवा हूँ किस तरह, पहरे लगाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
मैं तो हवा हू किस तरह, पहरे लगाओगे.....

मुझे तो फिक्रो की जोग्राफियो से दूर ही रखो
मुझे तो फिक्रो की जोग्राफियो से दूर ही रखो
कई हाथो में आने से आईना टूट जाता है
ना जाने कौनसा घर है मेरी बेटी की किश्मत में
ना जाने कौनसा घर है मेरी बेटी की किश्मत में
गरीबी बात करती है तो रिश्ता टूट जाता है..

मै तो हवा हूँ किस तरह,मै तो मै तो पहरे लगाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
मैं तो हवा हू किस तरह, पहरे लगाओगे.....

जो कुछ बचा बचाया था सब कुछ चला गया
जो कुछ बचा बचाया था सब कुछ चला गया
और बीवी के मेरे एक एक जेवर चला गया
और बीवी के मेरे एक एक जेवर चला गया
करजा लिया था मकान पे बेटी के ब्याह के लिए
करजा लिया था मकान पे बेटी के ब्याह के लिए
बेटी को घर मिला तो मेरा घर चला गया...

ऐ दोस्त मेरी याद तुम्हे,आएगी जरूर,
ऐ दोस्त मेरी याद तुम्हे,आएगी जरूर,
मेरी गजल को तुम कभी,गुनगुनाओगे,
मेरी गजल को तुम कभी,गुनगुनाओगे,
मैं तो हवा हू किस तरह,पहरे लगाओगे.......

कागज के इस लिबास को,बदन से उतार दो,
कागज के इस लिबास को,बदन से उतार दो,
पानी बरस गया तो कहा,मुँह दिखाओगे,

लकड़ी के मकानों में यू चिरागों का रखिये
लकड़ी के मकानों में यू चिरागों का रखिये
क्योंकि आग पड़ोसी कभी बुझाने नही आते....

हजारो दर्द बन्द मिलते है और काम के लोग चन्द मिलते है
हजारो दर्द बन्द मिलते है और काम के लोग चन्द मिलते है
जब जरूरत पड़ी है यारो से सबके दरवाजे बंद मिलते है

मै तो हवा हूँ किस तरह,मै तो मै तो पहरे लगाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
महसूस ही करोगे मुझे, छू ना पाओगे,
मैं तो हवा हू किस तरह, पहरे लगाओगे.....

में ना रहूंगा एक दिन,ऐसा भी आएगा,
में ना रहूंगा एक दिन,ऐसा भी आएगा,
तस्वीर को गले से मेरी,तुम लगाओगे,
तस्वीर को गले से मेरी,तुम लगाओगे,
मैं तो हवा हू किस तरह,पहरे लगाओगे......


( गायक - दिनेश जी भट्ट )


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