शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम लिरिक्स || shiv ji ke damaru se nikla raghupati raghav raja ram lyrics

 (श्लोक)

।। शिव समान दाता नहीं, विपद निवारण हार
लज्जा मोरी राखिओ नंदी के असवार ।।

(भजन)
शंकर के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम
शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम
नारद की वीणा से निकला पतित पावन सीताराम
शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम

अर्जुन के गाँढिव से निकला जय मधुसुधन जय घनश्याम
द्रोपदी की आह से निकला भक्त के रक्षक हे भगवान।।टेर।।

शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम

शबरी के बैरो से निकला भाव के भूखे हे भगवान
भक्त प्रहलाद के मुख से निकला तुझमें राम मुझमें राम।।टेर।।

शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम

बृज की कुंज गली से निकला जय गुरुदाता जय गुरुनाम
चार वेद छः शास्त्र पुकारे हरि ओम हरि ओम सीताराम।।टेर।।

शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम

शंकर के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम
शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम
नारद की वीणा से निकला पतित पावन सीताराम
शिव जी के डमरू से निकला रघुपति राघव राजा राम


(गायक- धर्मेंद्र गावड़ी)



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