उतरा सागर में जो उसको मोती मिले खोज की जिसने मेरी मुझे पा लिया || utra sagar me jo usko moti mila lyrics

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले खोज की जिसने मेरी मुझे पा लिया || utra sagar me jo usko moti mila lyrics -

(भजन) 

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा लिया ।।
नुक्ताची शंकावादी को मैं ना मिला
भिलनी का मुझे भोलापन भा गया।। टेर।।

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा लिया ।।

तुने मूरत कहा मैं मूर्तवान था
तुने पत्थर कहा मैं पाषाण था ।।
ये तो तेरे ही विश्वास की बात है
धनाजट ने बुलाया मैं झट आ गया।।1।।

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा लिया ।।

तुने दिल से कभी मुझको बुलाया नहीं
 बिन बुलाए कभी मैं भी आया नहीं
तुने दिल से मुझको खिलाया नहीं
मैं तो विदुरानी के छिलके भी खा गया।। 2 ।।

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा लिया ।।

प्यार को प्यार है सिधि सी बात है
प्यार कब पुछता है कि क्या जात है।
चाहे हिन्दू हो सिख कोई मुसलमान
मुझको रसखान सलवार पहना गया।। 3 ।।

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा लिया ।।


( गायक - सुर सम्राट ओम जी दासाब )


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ