थाकि सूरत पर रघुनाथ में बलहारी जाऊ सा भजन लिरिक्स || thaki surat pr raghunath me balihari jaau sa bhajan lyrics

थाकि सूरत पर रघुनाथ में बलहारी जाऊ सा भजन लिरिक्स || thaki surat pr raghunath me balihari jaau sa bhajan lyrics -

(दोहा)
तू ही उबारत तू दुख कारत , तू ही विकार सुधार करन्ता
तू बनमित सुकारज सारज , तू ही सबय अवतार धरन्ता
तू अध शंकर शक्ति तू ही , विष्णु स्वरूप विराट बलन्ता
वेद कहे दशरथ के बालक , तेरो ही आसरो जानकीकंथा

(भजन)
थाकि सूरत पर रघुनाथ में बलहारी जाऊ सा
थाकि सूरत पर श्रीराम में बलहारी जाऊ सा
में बलहारी जाऊ सा....बन्ना पे बलहारी जाऊ सा
थाकि सूरत पर रघुनाथ में बलहारी जाऊ सा ।।टेर।।

थाको श्यामल अंग मनोहर , थाको रूप अनोखो सुंदर
थाको श्यामल अंग मनोहर , थाको रूप अनोखो सुंदर
आ छवि निरख निरख मनमोहन , में हिवड़ा मे बसावा सा
में बलहारी जाऊ सा....बन्ना पे बलहारी जाऊ सा
थाकि सूरत पर रघुनाथ में बलहारी जाऊ सा ।।टेर।।

थाकि सीता छे सुकुमारी , याकि भारी राखजो सम्भाली
थाकि सीता छे सुकुमारी , याकि भारी राखजो सम्भाली
थे तो आप ही छो सर्वज्ञानी , काई थाने ज्ञान बतावा सा
में बलहारी जाऊ सा....बन्ना पे बलहारी जाऊ सा
थाकि सूरत पर रघुनाथ में बलहारी जाऊ सा ।।टेर।।

थाको तुलसीदास यश गावे , नित चरणा शीश झुकावे
थाको तुलसीदास यश गावे , नित चरणा शीश झुकावे
हमको करना भव से पार , या सरदास लगावे सा
में बलहारी जाऊ सा....बन्ना पे बलहारी जाऊ सा
थाकि सूरत पर रघुनाथ में बलहारी जाऊ सा ।।टेर।।


( गायक - प्रेमसिंह जी छापरवाडा )


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