मज धार मे छोड़ के नैया अरे लखन ओ भैया तुजे क्या हो गया है ।। are lakhan ao bhaiya tuje kya ho gya hain || Hindi Bhajan Lyrics || Hindi Lyrics

मज धार मे छोड़ के नैया अरे लखन ओ भैया तुजे क्या हो गया है ।। are lakhan ao bhaiya tuje kya ho gya hain |।
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(तर्ज :- मिलो न तुम तो हम घबराये )

मज धारा में छोड़ के नैया, अरे लखन ओ भैया।
तुझे क्या हो गया है ।।

दुश्मन दल छाये मंडराये, छोड़ भुजे कहाँ जाये ।।
तुजे क्या हो गया है
 ।। बन में अकेली लकड़ी, कैसे जलेगी लक्ष्मण लाला रे ।
तुजे क्या हो गया है

पो-छटने को आई, अब तक न आया हनुमत बाला रे ।।
मेरा किस्मत फूटी रूठी, वो भी कहाँ जा बैठा ।।
तुझे क्या हो गया है..

अयोध्या में भरत रोए, लंका में रोए सीता नारी रे ।
इत कौ मैं तुझ को रोउं, देख मुर्जाई सूरत थारी रे ।।
बानर दल सब शोक समाए, दुश्मन खुशी मनाए ।।
तुझे क्या हो गया है....

कैकई सुमित्रा कौशल्या रोएगी तीनों मैया रे ।
जाके कहूँगा क्या मैं, उठ अब मेरे भैया रे ।। होगा दुखड़ा करेगी जगड़ा, कैसे बताउंगा मुखड़ा ।।
तुझे क्या हो गया है...

आरे-ओ विधाता पगली, ये क्या ठानी है तेने मक्कारी । लाके खंडा पर खंडा, दिना भाई का भारी धक्कारी ।।
बन बन फिरना, पिता का मरना, सती सीया का हरना ।।
तुझे क्या हो गया है...
अरे-ओ लखन बीरा, धर्म संकट में कैसे डाला रे । नारी हित भाई खोया, दुनिया करेगी मुंह काला रे ।। मिले वस्तु जग में मन चाही, "भैरव' मिले न भाई ।।
तुझे क्या हो गया है...

                                  


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