मैं अपने राम को रिझाऊँ भजन लिरिक्स || me apne ram ko rijhaun lyrics || mcb music

मैं अपने राम को रिझाऊँ भजन लिरिक्स || me apne ram ko rijhaun lyrics || mcb music -

( श्रीराम भजन )

अब मैं अपने राम को रिझाऊँ, बैठ भजन गुण गाऊँ।

डाली छेड़ूँ न पत्ता छेड़ूँ , न कोई जीव सताऊँ,
पात-पात में प्रभु बसत है, वाही को सीस झुकाऊँ।

अब मैं अपने राम को रिझाऊँ, बैठ भजन गुण गाऊँ।

गंगा जाऊँ न यमुना जाऊँ, न कोई तीरथ नाऊँ,
अरसठ तीरथ घट के भीतर, तिनही में मल नाऊँ।

अब मैं अपने राम को रिझाऊँ, बैठ भजन गुण गाऊँ।

औषध खाऊँ न बूटी लाऊँ, न कोई वैध बुलाऊँ,
पूरन वैध मिले अविनाशी, वाही को नब्ज दिखाऊँ।

अब मैं अपने राम को रिझाऊँ, बैठ भजन गुण गाऊँ।

ज्ञान कुठारे कस कर बांधूँ, सुरत कमान चढ़ाऊँ,
पाँचों चोर बसे घट भीतर, तिन को मार गिराऊँ।

अब मैं अपने राम को रिझाऊँ, बैठ भजन गुण गाऊँ।

योगी होऊँ न जटा बढ़ाऊँ, न अंग विभूति रमाऊँ,
जो रंग रंगे मुझे विधाता, और क्या रंग चढ़ाऊँ।

अब मैं अपने राम को रिझाऊँ, बैठ भजन गुण गाऊँ।

चंद सूरज दोऊ सम कर राखो, निज मन सेज बिछाऊँ,
कहत कबीर सुनो भई साधो, आवागमन मिटाऊँ।

अब मैं अपने राम को रिझाऊँ, बैठ भजन गुण गाऊँ।


( गायक - दिनेश भट्ट )


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