।। भजन ।।
राम नाम के हीरे-मोती, मैं बिखराऊ गली-गली,
ले लो रे कोई राम का प्यारा शोर मचाऊँ गली-गली ।
बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम-राम-राम ।।टेर ।।
माया के दीवानों सुन लो, इक दिन ऐसा आएगा,
धन-दौलत और माल खजाना, यहीं पड़ा रह जाएगा ।
सुन्दर काया मिट्टी होगी, चर्चा होगी गली-गली ।
।। ले लो रे कोई राम.. ।।
क्यों करता तू मेरा-मेरी यहां तो तेरा मकान नहीं,
झूठे जना में फंसा हुआ है, वह सच्चा इन्सान नहीं ।
जग का मेला दो दिन का है, अन्त में होगी चला-चली।
।। ले लो रे कोई राम........ ।।
जिन-जिन ने यह मोती लूटे, वह तो माला-माल हुए,
धन-दौलत के बने पुजारी, आखिर वह कंगाल हुए ।
चांदी-सोने वालो सुन लो, बात सुनाऊँ खरी-खरी ।
।। ले लो रे कोई राम..।।
दुनियाँ को तू कब तक पगले, अपनी कहलाएगा,
ईश्वर को तू भूल गया है, अन्त समय पछताएगा ।
दो दिन का यह चमन खिला है, फिर मुरझाए कली-कलो ।
।। ले लो रे कोई राम...।।
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