दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना, दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना ।।हनुमान भजन।।

 ।।भजन ।।

दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना,

दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना ।

राम जी चले न हनुमान के बिना,

राम जी चले न हनुमान के बिना ।। टेर ।।

श्रीराम भजन


जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात मैंने समझ ली है ।

रावण मरे न श्रीराम के बिना, रावण मरे न श्रीराम के बिना।

लंका जले न हनुमान के बिना ।

।। दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना...।।

लक्ष्मण का बचना मुश्किल था, कौन बूटी लाने के काबिल था।

लक्ष्मण बचे न श्रीराम के बिना, लक्ष्मण बचे न श्री राम के बिना।

बूटी मिले न हनुमान के बिना,

।। दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना...।।

सीता हरण की कहानी सुनो, भक्तों मेरी जुबानी सुनो ।

वापस मिले न श्रीराम के बिना, वापस मिले न श्रीराम के बिना ।

पता चले न हनुमान के बिना ।

।। दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना...।।

Duniya chale na shri ram ke bina bhajan lyarics


बैठे सिंहासन में श्रीरामजी, चरणों में बैठे हनुमानजी ।

मुक्ति मिले न श्रीराम के बिना, मुक्ति मिले न श्रीराम बिना ।

भक्ति मिले न हनुमान के बिना ।

।।दुनियाँ चले न श्रीराम के बिना...।।

[दोहा- मो सम दीन न दीन हित, तुम्ह समान रघुबीर ।

अस बिचारी रघुबंश मनि, हरहु विषम भव भीर ॥


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ