साधु भाई सत्संग अमृत धारा निर्गुणी भजन।।sathu bhai satsang amrit dhara nirguni bhajan lyrics

साधु भाई सत्संग अमृत धारा निर्गुणी भजन।।sathu bhai satsang amrit dhara nirguni bhajan lyrics

दोहा-वा मीरा की मीर की थू उणरी क्यों होठ करे।

वा विष का प्याला पी गयीं थू पीये तो फरी मारे।।


सत्संग करे संत मर जीवा मेटे भरम विकारा

ओहो मेटे भरम विकारा आहाहाहाहाहाहा...।


सदा अन्नदा मगन रेवे मन मे...२

बरसे श्री तम प्यारा

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर


निर्मल नीर शिर जारी शीतल

निर्मिल नीर छाया है जारी शीतल

बरसे अमर फवारा...।

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।


राम संतोष परम् हद छोड़िया रे

छोड़िया मोह अहंकारा..

राम संतोष परम् हद छोड़िया रे

छोड़िया मोह अहंकारा हाहाहाहाहाहा...।


सत्संग पावे भाग पुराबला

सत्संग पावे जाका भाग पुराबला

श्रीमुखु आप उच्चारा।

भाई भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।


निर्मल नीर शिर जारी शीतल

निर्मिल नीर छाया है जारी शीतल

बरसे अमर फवारा...।

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।


करता खेल आप हल मिले हंसा रे

मोती शब्दो का है चारा

भाई भाई मोती शब्दो का है चारा हा

एएए उत्तम मध्यम तनिष्ट को तियारे

देवे निःशब्द गुंजारा।

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।


निर्मल नीर शिर जारी शीतल

निर्मिल नीर छाया है जारी शीतल

बरसे अमर फवारा...।

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।


सन्त मीर भरिया है पूरारा

ऊंडा अति है अपारा

ओहो ऊंडा अति है अपारा हाहाहाहा...।

एएए जो कोई ध्यान धरे निस्वार्थ

जो कोई ध्यान धरे निस्वार्थ

भव से ही जाव किनारा

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।


निर्मल नीर शिर जारी शीतल

निर्मिल नीर छाया है जारी शीतल

बरसे अमर फवारा...।

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।


हाहहहहह केता राम गुरु परम् विधाता रे

मिलिया होये दातारा

ओहो मिलिया होये दातारा हाहाहाहा...२

कहे प्रताप सफा रे सत्संग री२

जागा भाग हमारा।

भाई भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा..।


निर्मल नीर शिर जारी शीतल

निर्मिल नीर छाया है जारी शीतल

बरसे अमर फवारा...।

साधु भाई सत्संग अमृत धारा...टेर

ओहो सत्संग अमृत धारा आहाहाहाहाहाहा...।



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