।।दोहा।।
गौ माता के नैन से आसु भर भर आय।
है श्याम मुझसे यो कलयुग देखियो न जाय।।
कलयुग में सुनी छोड़कर थू मासु खेली चाल।
अब कटारी माथे धरि अब होसी मेरी हलाल।।
मरता फेली अर्ज करू तुम्हे नवाहु माथ।
अब ऐसी मत किजियो प्रभु ओर किसी के साथ।।
-भजन-
गऊ माता बोली गिरधर से कहा छुपियो बनवारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
आयो कलयुग भारी भूखी फिरू मारी मारी.
सब देवे मोको गाली भारी लठ जो चलाये..
में तो कुछ नही बोलू तुम को याद कर रोलु...
भूखी रह कर सोलु दूध शाम को पिलाऊँ....
फिर भी फरज निभाओ अपना आउ में मारी मारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
गऊ माता बोली गिरधर से कहा छुपियो बनवारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
करे सब बेईमानी जिसे बरसे न पानी
होव सबको ही हानि काल कैसे पड़ियो भई
चारो बन नही पावे अनाज सारो सुख जावे
गाली प्रभु को सुनावे शुभ करम करे नाही
भूखा मरती मल मूत्र चाटती आहार बिना उजाड़ी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
गऊ माता बोली गिरधर से कहा छुपियो बनवारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
कोने रियो घर मे चोरो धणी होवे दुखयारो
काई करे वो बेचारो बीणजारा लेई जाय
आधा पइसा में बिक जाऊ धक्का टरका में खाऊ
गले आरी धरवाउ कोई करे ना सहाय
बाला बछड़ा छुटिया मारा छुटी ममता सारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
गऊ माता बोली गिरधर से कहा छुपियो बनवारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
नाम है तेरा गोपाला तो फिर बनो रखवाला
नही तो नाम होगा काला सारे वेद झुटे होय
थारे चरणा में लीजे अर्जी मारी सुन लीजे
थोड़ी दया कीजे नाथ अब बचा लीजे मोय
नन्द कहे यू गाउ माता की दे रही श्राप भारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
गऊ माता बोली गिरधर से कहा छुपियो बनवारी
खाऊ आज में कटारी अर्जी सुनो जी हमारी खाऊ आज में कटारी।
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