मनवा काग चलन ने छोड़ हंस की संगत कर ले रे भजन लिरिक्स।।manva kaag chalan ne chod hans ki sangat kar le re bhajan lyrics-
।।दोहा।।
कागा किसका धन हरे,कोयल किसको देय
मीठा मीठा वचन सुनाकर जग अपना कर लेय
(भजन)
मनवा काग चलन ने छोड़
हंस की संगत कर ले रे...१
संगत करले रे...
हंस की संगत करले रे।
अरे संगत करले रे
हंस की संगत करले रे।।
ये मनवा काग चलन ने छोड़
हंस की संगत करले रे..
कोयल छै बागा की शोभा मीठी बोले वाणी रे
अरे कोयल छै बागा की शोभा मीठी बोले वाणी रे..१
अरे झूठी वाणी न कर काग सी साँच समझ ले रे.
मनवा साच समझ ले रे..
रे मनवा काग चलन ने छोड़ हंस की संगत करले रे..
अरे संगत करले रे हंस की संगत करले रे
रे मनवा काग चलन ने छोड़ हंस की संगत करले रे..
कागो गंदी वस्तु खावे भस्टा में मुख भर ले रे
कागो गंदी वस्तु खावे भस्टा में मुख भर ले रे...
पशु पक्षियां ने मार हटा कर अपनी कर ले रे..
रे मनवा अपनी कर ले रे...
रे मनवा काग चलन ने छोड़
हंस की संगत कर ले रे..१
अरे संगत करले रे हंस की संगत करले रे
रे मनवा काग चलन ने छोड़
हंस की संगत कर..
हंसा जाई समंदर में बैठे मोती चुग ले रे..
हंसा जाई समंदर में बैठे मोती चुग ले रे....
ऐसे वो सत्संग में जाकर झटपट खेले रे..
रे झटपट खेले रे..
रे मनवा काग चलन ने छोड़ हंस की संगत करले रे
अरे संगत करके रे मारा मनड़ा संगत करले रे
रे मनवा काग चलन ने छोड हंस की संगत करले रे..
गुरुदेव को पकड़ आसरो थू तीर ले रे..
गुरुदेव को पकड़ आसरो थू तीर ले रे..
कबीर दास कहे डर बो कर थू काल के डर से रे
रे मनवा काल के डर से रे..
ये मनवा काग चलन ने छोड़ हंस की संगत करले रे
रे मनवा काग चलन ने छोड़ हंस की संगत करले रे..
गायक-हेमराज सैनी
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