।। दोहा ।।
ऊँची थारी पेडिया और चढ़ियो न उतरियो जाय।
अर्ज करू घनश्याम ने मारो हाथ पकड़ ले जाय।।
~ सिंगोली रा श्याम भजन ~
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
पेच्या सोवे केशरिया ,
सर पतरंगी पाग सा।
ओ दाढ़ी में हीरो चमके सा ,
चारभुजा रा नाथ सा.२
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
आमे सामे बावड़ी सा ,
निर्मल जाको नीर सा.
पिनहारिया पाणी भरे ,
ओड दकनी चीर सा। २
माने गड़ो उचाता जाज्यो सा।
चारभुजा रा नाथ
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
अरे सोहण कटारो सोवणो ,
सोरतडी तलवार सा।
हाथा में भाला सोवे।
सा चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
धोळो घोड़ो हासलो ,
मोतिया जड़िया लगाम सा।
गोड़ला ने थोड़ो गुमादियो सा,
चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
सांज सवेरे होव आरती ,
जालर की झंकार सा।
परासर चवरी धुलावे सा ,
चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
चारभुजा की लावणी ,
गावे हरिका लाल सा।
संकट में साय कीज्यो सा ,
चारभुजा रा नाथ। २
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
सिंगोली रा श्याम मारा ,
चारभुजा रा नाथ सा।
काला पण गणा रुपाला सा,
सिंगोली रा श्याम । २
0 टिप्पणियाँ