मंदिर के द्वार खुले हैं तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले लिरिक्स || mandir ke dwar khule he tere muh pr tale hajar hath wale lyrics-
( भजन )
एक बार मुख खोल बोल रे , मोहन मुरली वाले ।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।।
किसी के घर तू रिमझिम बरसे , कोई बूंद पानी बिन तरसे रे
कहीं भरे भंडार द्रव्य के, कहीं रोटी के लाले....।।1।।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।
एक बार मुख खोल बोल रे , मोहन मुरली वाले ।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।।
ठग पंडित तेरी करे आरती , भगत मरे तेरे भूखे रे।
सत्य नीति पर चलने वाला , पाये ना टुकड़े सूखे रे।।
सच्चा साधु कोड़ी बिन तरसे , ढोंगी को दुसाले....।।2।।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।
एक बार मुख खोल बोल रे , मोहन मुरली वाले ।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।।
पैसों से तेरी होती पूजा , मंदिर बहार बीके प्रसाद रे।
बिना स्वार्थ के इस दुनिया में, कोई ना करता तुझको याद रे।।
मुझी को दी पूँजी तूने , दानी को दिवाले...।।3।।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।
एक बार मुख खोल बोल रे , मोहन मुरली वाले ।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।।
नाम है तेरा दीन दयाला , दुख हरता सुख दाता रे ।
किंतु आज कल तू भी , श्री महंतो घर भोग लगाता रे।।
भोजन जैसे भाव्य शब्द तेरी , गीता बनाने वाले....।।4।।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।
एक बार मुख खोल बोल रे , मोहन मुरली वाले ।
मंदिर के द्वार खुले हैं , तेरे मुंह पर ताले ताले हजारा हाथ वाले।।
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