तर्ज - जाबो दो सहेलियां भोला नाथ लाडेला ओ
( भजन )
वाह वाह रे बजरंगी बाला , बड़ो बलधारी रे ।
बड़ो बलधारी-धारी , बड़ो बलधारी रे ।। वाह रे...
बचपन में जीव मचलियों , अम्बर म जाय उछलियो।
का शिव को भाण निगलियों , ऐसो बलधारी रे ।।1।।
वाह वाह रे बजरंगी बाला , बड़ो बलधारी रे ।
बड़ो बलधारी-धारी , बड़ो बलधारी रे ।। वाह रे...
सागर में जाय कूदियो , सुरसा को सिनो चिरियो ।
विभीषण से मिलकर बीरा , लंका को जलाई रे ।।2।।
वाह वाह रे बजरंगी बाला , बड़ो बलधारी रे ।
बड़ो बलधारी-धारी , बड़ो बलधारी रे ।। वाह रे...
रामजी को कारज सारियो , लक्ष्मण को प्राण उभारियो ।
रण में से जीत लायो रघुवंश नारी रे..।।3।।
वाह वाह रे बजरंगी बाला , बड़ो बलधारी रे ।
बड़ो बलधारी-धारी , बड़ो बलधारी रे ।। वाह रे...
गाजत हनुमान हटिला , रावण का तोड़िया किल्ला।
अजब है थारी लीला , रण को खिलाड़ी रे...।।4।।
वाह वाह रे बजरंगी बाला , बड़ो बलधारी रे ।
बड़ो बलधारी-धारी , बड़ो बलधारी रे ।। वाह रे...
अम्रत को दिनो झटकों , मोह माया चक्कर मे पटकियो
फिर भी ना पुरो परख्यो , असी काई धारी रे..।।5।।
वाह वाह रे बजरंगी बाला , बड़ो बलधारी रे ।
बड़ो बलधारी-धारी , बड़ो बलधारी रे ।। वाह रे...
( गायक - भगवत सुथार )
0 टिप्पणियाँ