( दोहा )
राम नाम के लेत ही, सकल पाप कट जाए ।
जैसे रवि के उदय से, अंधकार मिट जाए ।।
( भजन )
कोई मुझे मेरे रघुनाथ से मिला दे ।
कोई मुझे मेरे सियाराम से मिला दे ।
जानकर हो तो उनका पता ही बता दे ।।
कोई मुझे मेरे रघुनाथ से मिला दे ।
कोई मुझे मेरे दीनानाथ से मिला दे ।
जानकर हो तो उनका पता ही बता दे ।।
बोलो जय सियाराम... हो बोलो जय सियाराम......
कहा कहा खोजा मेने कैसे बतलाऊ ।
मिले ना मन मीत , मन को कैसे समझाऊँ ।।
जाओ किसी ओर कोई ये तो बतलादे।
जानकर हो तो उनका पता ही बता दे ।।
कोई मुझे मेरे रघुनाथ से मिला दे ।
कोई मुझे मेरे दीनानाथ से मिला दे ।
जानकर हो तो उनका पता ही बता दे ।।
बोलो जय सियाराम... हो बोलो जय सियाराम......
में तो हु अंजान कहा में तो कुछ ना जानु
पता जो भी दे देंगे मे वो ही सत्य मानु
जाओ किसी ओर कोई राह तो सुझा दे ।
जानकर हो तो उनका पता ही बता दे ।।
कोई मुझे मेरे रघुनाथ से मिला दे ।
कोई मुझे मेरे दीनानाथ से मिला दे ।
जानकर हो तो उनका पता ही बता दे ।।
( गायक - दिनेश भट्ट )
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