।। भजन ।।
मन्दिर जाती मीरा ने, साँवरियो मिल गयो रे ।
गिरधर जादू कर गयो रे ।। टेर ।।
राणो मीरा न समझावै, काई होयो मीरा क्यूँ ना बतावै ।
फीका पड़ गया नयन, फरक बोली में पड़ गयो रे ।
।। गिरधर जादू कर गयो रे.....।।
आज मिल्या म्हाने गिरधारी, मन की बातां पूछी सारी।
नैना कर गयो चार, के दिल पे तालो जड़ गयो रे ।
।। गिरधर जादू कर गयो रे...।।
राणो मीरा न समझावै, बड़ा घरां की रीत बताबै ।
कुल के लागे दाग, पति जिंवतों ही मर गयो रे ।
।। गिरधर जादू कर गयो रे...।।
श्याम सुन्दर है पति म्हारा, सारे जग का वो रखवारा ।
गावै 'मस्त-मण्डल' मीरा न, मोहन मिल गयो रे ।
।।गिरधर जादू कर गयो रे...।।
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