मीठे रस से भरोड़ी राधा रानी लागे, महारानी लागे,।।श्री राधे भजन।।

 ।। भजन ।।

मीठे रस से भरोड़ी राधा रानी लागे, महारानी लागे,

म्हाने खारो-खारो जमुनाजी को पानी लागे ।। टेर ॥

राधाराणी भजन लिरिक्स

जमुनाजी तो कारी-कारी राधा गोरी-गोरी,

वृन्दावन में धूम मचावे बरसाने की छोरी ।

बृज धाम राधाजू की, राजधानी लागे-राजधानी लागे,

।। म्हाने...१ ॥

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ना भावे म्हाने माखन-मिश्री, अब न कोई मिठाई,

जिभरिया म्हारी न भावे राधा नाम मलाई ।

वृषभान की लली तो, गुड़धानी लागे-गुड़धानी लागे,

।। म्हाने...२।।

राधा-राधा नाम जपत है, जो नर आठों याम,

तिनकी बाधा दूर करत है, राधा-राधा नाम ।

राधा नाम में सफल, जिंदगानी लागे-जिंदगानी लागे।

।।म्हाने...३ ॥

म्हाने खारो खारो जमुनाजी को पाणी लागे भजनं

कान्हा नित मुरली ने टेरत, सुमिरत बारम्बार,

कोटिन रुप धरे नन्द-नन्दन, तबहूं न पायो पार,

रुप छैल की छबीली, राधारानी लागे-राधारानी लागे।

।।म्हाने...४।।

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