रघुवर तुमको मेरी लाज भजन लिरिक्स || raghuvar tumko meri laaj bhajan lyrics
रघुवर तुमको मेरी लाज ।
सदा सदा मैं शरण तिहारी, तुम हो ग़रीब निवाज ।।
रघुवर तुम हो ग़रीब निवाज ।
राम राम राम रघुवर तुमको मेरी लाज ।।
साम दाम
पतित उधारन विरद तिहारो, श्रवन न सुनी आवाज ।
महूँ तो पतित पुरातन कहिये, पार उतारो जहाज ॥१॥
राम राम राम रघुवर पार उतारो जहाज ।
रघुवर तुमको मेरी लाज ।।
म अघ खण्डन दुख भंजन जन के, यही तिहारो काज ।
रघुवर यही तिहारो काज ।
तुलसीदास पर किरपा कीजे, भक्ति दान देहु आज॥२॥
मिराम रा रघुवर तुमको मेरी लाज ।।
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