पवनसुत राम से कहना तुम्हे सीता बुलाती है भजन लिरिक्स || pawansut ram se kahna tumhe sita bulati he bhajan lyrics -
(भजन)
( तर्ज - सजा दो घर को गुलशन सा )
पवनसुत राम से कहना , तुम्हे सीता बुलाती है
तुम्हारी याद में हर दम , वहां आंसू बहाती है।
ये चूड़ामणी दे देना , राम को जाकर कह देना
ये सुंदर चांदनी चन्दा , हमे कुछ न सुहाती है.…..।।१।।
पवनसुत राम से कहना , तुम्हे सीता बुलाती है
तुम्हारी याद में हर दम , वहां आंसू बहाती है।
विधना ने कैसा लेख लिख दीना , जो दुःख पाई इस जीवन मे आ करके
विरह की जाल में फँसकर , यहाँ तन को जलाती हु....।।२।।
पवनसुत राम से कहना , तुम्हे सीता बुलाती है
तुम्हारी याद में हर दम , वहां आंसू बहाती है।
कहे सीता सुनो हनुमंत , सुनो कुछ ध्यान देकर के
कलम देखो रुकी हो मेरी , श्रीराम की याद आती है.....।।३।।
पवनसुत राम से कहना , तुम्हे सीता बुलाती है
तुम्हारी याद में हर दम , वहां आंसू बहाती है।
( गायक - ओम जी ओझा )
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